अचानक धन प्राप्ति योग | Dhan Yog

अचानक धन प्राप्ति योग | Akasmik Dhan Prapti Yog

अचानक धन प्राप्ति योग

यदि अचानक से कहीं से बहुत सारा धन मिल जाए तो (then) माना जाता है कि आपपकी कुंडली में अचानक धन प्राप्ति योग
या आकस्मिक धनयोग होगा। कुंडली में वैसे तो अचानक धन प्राप्ति योग, आकस्मिक धनलाभ या धनयोग के कई कारण एवं (and) स्थितियां होती हैं लेकिन हम आपको बता रहे हैं जन्मपत्री में उपस्थित कुबेर योग, अचानक धन प्राप्ति योग, आकस्मिक ( Akasmik dhan yog in kundli) धनयोग। जानते हैं की कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं है ये योग।

जन्मकुंडली के अनुसार अचानक धन प्राप्ति योग या धन योग (too much money yoga in kundali):

१. यदि (if) किसी व्यक्ति की जन्म व चंद्र कुंडली में द्वितीय स्थान (धन भाव) का स्वामी एकादश स्थान ( लाभ भाव) और (and) लाभ भाव का स्वामी धन स्थान में विराजमान हो या (or) दोनों भाव के स्वामी एक दूसरे भाव में जिसे परिवर्तन योग भी कहा जाता है, हो तो (then) व्यक्ति अत्यंत धनी होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी से धन की प्राप्ति हो सकती है।

२. प्रथम धन प्राप्ति योग / धनयोग : जब (when) जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह बृहस्पति के स्वामी भाव में युग्म में स्थित हो तो ऐसे जातक को अचानक से गढ़े हुए धन की प्राप्ति होती है।

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३. दूसरा धनयोग / कुबेर योग : जब (if) अष्टम भाव का स्वामी उच्च का हों तथा धनेश व लाभेश के प्रभाव में हों तो (then) व्यक्ति को निश्चित रूप में अचानक धन लाभ होता हैं। पूर्व समय में इस योग को गढे धन प्राप्‍ति के लिये अहम माना जाता था। इस योग की मुख्य बात यह होती हैं कि (that) ये अचानक से धन प्राप्त करता है।

४. किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में लग्नेश यदि (if) लग्न में ही स्वग्रही होकर विराजमान हो तो, जातक अत्यंत धनी एवं भाग्यशाली होता है। ऐसे लोगों को गुप्त धन की प्राप्ति होती है।

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५. तीसरा कुबेर योग / धनयोग : जब (when) सप्तम स्थान में वृष राशि का चंद्र हो और (and) लाभ स्थान में कन्या राशि का शनि हो, ऐसे व्यक्ति की आयु जब 37 से 43 वर्ष के मध्य होती है तो उसकी पत्नी को भारी आकस्मिक धन-लाभ होता है।

६. किसी भी जातक की कुंडली में धनेश और (and) लाभेश दोनों एक साथ क्रेंद्र या त्रिकोण में विराजमान हों और यदि (if) भाग्येश द्वारा दृष्ट हों तो व्यक्ति को व्यापार में या (or) किसी अन्य माध्यम से अचानक धन की प्राप्ति होती है।

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७. चौथा अचानक धन लाभ / धनयोग : जब चंद्रमा और बुध धन स्थान में हो तो बहुत लाभ होता है। दशम स्थान में कर्क राशि का चंद्र और धन स्थान में शनि हो तो (then) अचानक धन-लाभ होता है। धन स्थान में ५ या (or) इससे अधिक ग्रह हों तो बहुत बड़ा धन-लाभ होता है।

८. जन्मकुंडली के त्रिकोण या केन्द्र भावों में गुरु ग्रह, शुक्र, चन्द्रमा और बुध विराजमान हों या फिर (otherwise) 3, 6 और 11वें भाव में सूर्य, राहु, शनि, मंगल आदि ग्रह स्थित हों, तब व्यक्ति राहु, शनि, शुक्र या (or) बुध की दशा में आकस्मिक धन की प्राप्ति करता है। हालांकि यहां यह देखना बहुत जरूरी है कि (that) जिन ग्रहों की वजह से यह योग बन रहा है। उन ग्रहों की अंश कितना है।

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९. पांचवां अचानक धन प्राप्ति योग / धनयोग: किसी व्यक्ति को तभी आकस्मिक लाभ होगा जब (when) कुंडली में पंचम भाव, द्वितीय भाव तथा एकादश भाव व उनके स्वामी ग्रह और इन भावों में स्थिर ग्रह बलवान हों। यदि जन्मकुंडली के पंचम भाव में गुरु स्थित है, पंचमेश मंगल धन भाव में स्थित है। पंचम भाव पर पंचमेश मंगल की चतुर्थदृष्टि है, द्वितीय भाव में मंगल स्थित है। द्वितीयेश सूर्य केंद्र भाव में उच्च का है। एकादश भाव पर गुरु की दृष्टि है, एकादश भाव का अधिपत्य शुक्र भाग्य भवन में उच्च का है तथा (or) उस पर गुरु व मंगल की उच्च दृष्टि है। ऐसे व्यक्ति की कुंडली में बहुत भारी मात्रा में धलाभ होने का योग है। और (and) व्यक्ति रातोरात मालामाल हो जाता है।

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१०. यदि (if) किसी व्यक्ति की लग्न कुंडली के सातवें भाव में मंगल या (or) शनि स्थित हों और (and) ग्यारहवें स्थान में शनि या (or) मंगल या राहु बैठा हो तो व्यक्ति स्टॉक मार्केट, सट्टा और (and) लॉटरी से धन कमा सकता है।

आइये संक्षेप में जानते है कुछ (some) महत्वपूर्ण बिंदु जिनसे कुंडली में अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं

१) लग्नेश द्वितीय भाव में तथा (and) द्वितीयेश लाभ भाव में हो।
२) चंद्रमा से तीसरे, छठे, दसवें, ग्यारहवें स्थानों में शुभ ग्रह हों।
३) पंचम भाव में चंद्र एवं मंगल दोनों हों तथा (and) पंचम भाव पर शुक्र की दृष्टि हो।
४) चंद्र व मंगल एकसाथ हों, धनेश व (and) लाभेश एकसाथ चतुर्थ भाव में हों तथा (and) चतुर्थेश शुभ स्थान में शुभ दृष्ट हो।
५) द्वितीय भाव में मंगल तथा (and) गुरु की युति हो।

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६) धनेश अष्टम भाव में तथा (and) अष्टमेश धन भाव में हो।
७) पंचम भाव में बुध हो तथा (and) लाभ भाव में चंद्र-मंगल की युति हो।
८) गुरु नवमेश होकर अष्टम भाव में हो।
९) वृश्चिक लग्न कुंडली में नवम भाव में चंद्र व बृहस्पति की युति हो।

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१०) मीन लग्न कुंडली में पंचम भाव में गुरु-चंद्र की युति हो।
११) कुंभ लग्न कुंडली में गुरु व राहु की युति लाभ भाव में हो।
१२) चंद्र, मंगल, शुक्र तीनों मिथुन राशि में दूसरे भाव में हों।

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१३) कन्या लग्न कुंडली में दूसरे भाव में शुक्र व केतु हो।
१४) तुला लग्न कुंडली में लग्न में सूर्य-चंद्र तथा नवम में राहु हो।
१५) मीन लग्न कुंडली में ग्यारहवें भाव में मंगल हो।

आकस्मिक धन प्राप्ति के उपाय-

१) हर बुधवार को गणेश जी का दर्शन करें और (and) उन्हें दूर्वा अर्पण करें|
२) विष्णुसहस्रनाम तथा (and) श्रीसूक्त का एक-एक पाठ नियमित करें तथा (and) श्री लक्ष्मीजी को गुलाब या कमल पुष्प चढ़ाएं।
३) लाल धागे में सातमुखी रुद्राक्ष गले में धारण करने से माता लक्ष्मी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है और (and) अचानक धन की प्राप्ति भी होती है|

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४) शुक्रवार को माता लक्ष्मी के मंदिर जाकर शंख, कौड़ी, कमल, मखाना, बताशा मां को अर्पित करें।
५) आकस्मिक धन लाभ के लिए गुरुवार को बहते हुए पानी में हल्दी की दो गाँठ बहाएं|

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६) ”श्री यंत्र” जिसे लक्ष्मी का प्रतीक यंत्र माना जाता है इसे घर में लाकर शुक्रवार के दिन शुद्ध गाय के दूध से अभिषेक कर उस यंत्र की प्रतिष्ठा करें, (then) अभिषेक किये हुए दूध को फूल के द्वारा पूरे घर में छिड़क दें, पूजन के बाद श्री यंत्र को अपने घर में तिजोरी या धन के स्थान पर रखें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन लाभ का वरदान देती हैं।

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७) करियर की बेहतरी के लिए मध्यमा अंगुली में एक लोहे का छल्ला धारण करें|
८)सुखद और संपन्न जीवन के लिए हर शाम को तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाएं|
९) पैसा लगातार आता रहे , इसके लिए घर में और बाहर ढेर सारे फूलों के पौधे लगायें|

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१०) घर में बचत और बरकत हो , इसके लिए (for that) घर से कूड़े कबाड़ और (and) अनुपयोगी वस्तुओं को हटाते रहें|
११) लक्ष्मीजी के किसी भी मंत्र का जप बुधवार या शुक्रवार से शुरू करें तथा (and) नित्य कमल गट्टे की एक माला ( 108 बार) जाप करें।
१२) झाडू संभालकर रखें तथा (and) खड़ी न रखें। ऐसी रखें कि किसी की नजर उस पर न पड़े। झाड़ू को कभी उलांघें नहीं, न ही पैर की ठोकर लगे|

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१३) संध्या के पश्चात झाड़ू-बुहारी न करें। यदि (if) करें तो कचरा घर के बाहर न फेंकें।
१४) दक्षिण-नैऋत्य, पश्चिम में कोई गड्ढा, बोरिंग, हौज इत्यादि न हो तथा जहां भी वास्तुदोष हो, वहां एक स्वस्तिक बना दें। हमेशा बाथरूम में नल इत्यादि से पानी न टपके, ध्यान रखें।

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१५) प्रात: जल्दी उठकर घर की सफाई करें तथा स्नानादि कर अपना पूजन-जप इत्यादि कर दिन की शुरुआत करें। जहां सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सोते हैं, वहां धन नहीं आता। दुर्गंधयुक्त स्थान तथा अशुद्ध स्थान पर लक्ष्मी नहीं ठहरती।

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