Dhanteral 2023|धनतेरस पर जरूर घर लाएं ये 5 चीजें

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धनतेरस(Dhanteras) से दिवाली और भाई दूज तक की तारीख को लेकर न हों कंफ्यूज, जानिए यहां सही तिथि – २०२३:
Dhanteras – हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है। दिवाली का पर्व धनतेरस(Dhanteras) से शुरू होकर भाई दूज को समाप्त होता है। इस साल दिवाली १३ नवंबर २०२३ (सोमवार) को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही भगवान श्रीराम लंकापति रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। भगवान राम की वापसी पर अयोध्या में घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया गया था। कहते हैं कि तभी से इस खुशी में दिवाली मनाई जाती है। हालांकि इस साल धनतेरस(Dhanteras), नरक चतुर्दशी और दिवाली की तिथियों को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है। जानिए धनतेरस, छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) और दिवाली की सही तिथि और शुभ मुहूर्त-

Dhanteras २०२३:

धनतेरस (Dhanteras Shopping) पर छोटी-मोटी खरीदारी जरूर करें। घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए खरीदारी को शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई कोई भी चीज साल भर शुभ फल देती रहती है. आइए जानते हैं कि सोना-चांदी के अलावा ऐसी कौन सी चीजें हैं जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदने से साल भर धन की वर्षा होती है।

 झाड़ू-

झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक तो माना ही जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन अगर झाड़ू खरीदकर घर लाने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. इस दिन झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इससे घर की विपन्नता और आर्थिक संकट दूर जाते हैं।

धनतेरस (Dhanteras) पर धनिये के बीज-

इस दिन धनिये के बीज खरीदने की भी परंपरा है. धनतेरस पर धनिया खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. पूजा में मां लक्ष्मी को धनिया के बीज अर्पित कर इसे अपनी तिजोरी में रख दें।

व्यवसाय से संबंधित सामान-

धनतेरस के दिन आप अपने व्यवसाय से संबंधित कोई सामान खरीद सकते हैं जैसे- राइटर पेन, आर्टिस्ट ब्रश और स्टूडेंट कॉपी-किताब खरीद सकते हैं। धनतेरस के दिन इन सामानों की पूजा भी करनी चाहिए. व्यवसायियों को धनतेरस के दिन बहीखाता के रजिस्टर और अकाउंट बना कर रखना चाहिए. इस रजिस्टर को अपने घर के पश्चिम दिशा में रखें।

इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स-

धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स जैसे फ्रिज, ओवन, मोबाइल फोन, लैपटॉप इत्यादि भी खरीद सकते हैं। आप इन सामानों को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रख सकते हैं।

गोमती चक्र-

सेहतमंद और संपन्नता के लिए धनतेरस के दिन 11 गोमती चक्र खरीद सकते हैं। धनतेरस पर गोमती चक्र को पीले वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें।

बर्तन-

धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है लेकिन अधिकतर लोगों को ये पता नहीं होता कि किस धातु के बर्तन खरीदें। अगर आपको इसमें संदेह है तो आप पीतल के बर्तन खरीद लीजिए और इसे अपने घर की पूर्व दिशा में रखें।
सोने-चांदी की चीजें भी खूब खरीदी जाती हैं। यदि इस त्योहार पर आप भी सोने-चांदी की चीजें खरीदने का मन बना रहे हैं तो इसमें कुछ बातों का ख्याल रखने की बहुत जरूरत है।

सोने के सिक्के-

धनतेरस के दिन सोने का सिक्का खरीदिए जिस पर लक्ष्मी मां का चित्र अंकित हो अगर आप सोने का सिक्का नहीं खरीद सकते हैं तो लक्ष्मी मां के किसी भी चित्र का पूजन भी कर सकते हैं।

चांदी के सिक्के-

अगर आप सोने के सिक्के नहीं खरीद पा रहे हैं तो चांदी के सिक्के से भी लक्ष्मी मां का आशीर्वाद मिल जाएगा. चांदी के सिक्के किसी को उपहार में देने के लिए भी अच्छा विकल्प है।

धनतेरस पर आभूषण-

किसी भी तरह के आभूषण खरीदने का सबसे शुभ समय धनतेरस है, खासकर सोने और चांदी के आभूषण खरीदने का. इसके अलावा इस दिन दरवाजे पर स्वास्तिक का एक चिह्न बनाने से भी सौभाग्य में वृद्धि होती है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras 2020) का त्योहार मनाया जाता है। इस साल धनतेरस ०२ नवंबर २०२१ को मनाया जाएगा।

पूजन के लिए शुभ समय

धनतेरस पूजन 2023 : १० नवंबर २०२३ को १२ बजकर ३५ मिनट से ११ नवंबर २०२३ को दोपहर १ बजकर ५७ मिनट तक

प्रदोष काल में धनवंतरी पूजन : शाम ५ बजकर ४५ मिनट से शुरू होकर ७ बजकर ४२ मिनट तक रहेगा

खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर ०२ बजकर ३५ मिनट से अगले दिन ११ नवंबर को सुबह ६ बजकर ४० मिनट तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त

-इस दिन कुमकुम जरूर खरीद लाएं। इसके बाद उसे मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करके खुद भी लगा लें। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से माता लक्ष्‍मी अत्‍यंत प्रसन्‍न होती हैं और जीवन को धन-धान्‍य से भर देती हैं।
-धनतेरस के दिन मां लक्ष्‍मी के पद्च‍िह्न जरूर खरीद लाएं। इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाएं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के पदचिह्न लगाने से माता लक्ष्‍मी अत्‍यंत प्रसन्‍न होती हैं योंक‍ि यह उन्‍हें घर में आमंत्रित करने का न‍िमंत्रण होता है। लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि मां लक्ष्मी के पद्च‍िह्न की आरती जरूर कर लें। इसके साथ ही मां से घर में वास करने की प्रार्थना करें।
-इस के द‍िन से दीप जलाने की परंपरा शुरू हो जाती है। इसल‍िए इस द‍िन पांच रुपए का एक दीपक खरीद लाएं और रात्रि का भोजन करने के बाद उसे दक्षिण की ओर मुख करके जलाए । लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि इसे जलाने के बाद इसे पीछे मुड़ कर नहीं देखें। मान्‍यता है क‍ि यह दीपक अकाल मृत्यु से बचाकर घर के लोगों को निरोगी रखता है।
जग सुखी तो हम सुखी
प्रेम से बोलो राधे राधे

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