व्रत एवं त्यौहार

शरद पूर्णिमा धन समृद्धि का पर्व – अपार धन प्राप्ति

शरद पूर्णिमा धन समृद्धि का पर्व

शरद पूर्णिमा धन समृद्धि  अपार धन प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा पर विधि विधान से मां लक्ष्‍मी की पूजा करनी चाहिए। रात में मां लक्ष्‍मी के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाएं। गुलाब के फूलों की माला चढ़ाएं और उसके बाद मां लक्ष्‍मी को सफेद दूध की बर्फी और इत्र अर्पित करें। इसके बाद पूजा कनकधारा स्‍त्रोत का पाठ करें

।। श्री कनकधारा स्तोत्रम् ।।

अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।
अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।
मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।
माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।
विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि।
ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।

आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्।
आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।
बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरिनीलमयी विभाति।
कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।
कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्।
मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया:।।

प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान्मांगल्य भाजि: मधुमायनि मन्मथेन।
मध्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्द्ध मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया:।।
दद्याद दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम स्मिभकिंचन विहंग शिशौ विषण्ण।
दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नारायण प्रणयिनी नयनाम्बुवाह:।।
इष्टा विशिष्टमतयो पि यथा ययार्द्रदृष्टया त्रिविष्टपपदं सुलभं लभंते।
दृष्टि: प्रहूष्टकमलोदर दीप्ति रिष्टां पुष्टि कृषीष्ट मम पुष्कर विष्टराया:।।

गीर्देवतैति गरुड़ध्वज भामिनीति शाकम्भरीति शशिशेखर वल्लभेति।
सृष्टि स्थिति प्रलय केलिषु संस्थितायै तस्यै नमस्त्रि भुवनैक गुरोस्तरूण्यै ।।
श्रुत्यै नमोस्तु शुभकर्मफल प्रसूत्यै रत्यै नमोस्तु रमणीय गुणार्णवायै।
शक्तयै नमोस्तु शतपात्र निकेतानायै पुष्टयै नमोस्तु पुरूषोत्तम वल्लभायै।।
नमोस्तु नालीक निभाननायै नमोस्तु दुग्धौदधि जन्म भूत्यै ।
नमोस्तु सोमामृत सोदरायै नमोस्तु नारायण वल्लभायै।।

सम्पतकराणि सकलेन्द्रिय नन्दानि साम्राज्यदान विभवानि सरोरूहाक्षि।
त्व द्वंदनानि दुरिता हरणाद्यतानि मामेव मातर निशं कलयन्तु नान्यम्।।
यत्कटाक्षसमुपासना विधि: सेवकस्य कलार्थ सम्पद:।
संतनोति वचनांगमानसंसत्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे।।
सरसिजनिलये सरोज हस्ते धवलमांशुकगन्धमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।

दग्धिस्तिमि: कनकुंभमुखा व सृष्टिस्वर्वाहिनी विमलचारू जल प्लुतांगीम।
प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष लोकाधिनाथ गृहिणी ममृताब्धिपुत्रीम्।।
कमले कमलाक्षवल्लभे त्वं करुणापूरतरां गतैरपाड़ंगै:।
अवलोकय माम किंचनानां प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयाया : ।।
स्तुवन्ति ये स्तुतिभिर भूमिरन्वहं त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।
गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो भवन्ति ते बुधभाविताया:।।

।। इति श्री कनकधारा स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।

 

हर साल पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है शरद पूर्णिमा , जो विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा के लिए जाना जाता है। इस दिन रात का चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है, जो समृद्धि और भाग्य का प्रतीक माना जाता है।

शरद पूर्णिमा का महत्व

शरद पूर्णिमा का पर्व हिंदू संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं, जिससे घर में धन और खुशहाली बनी रहे। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति को अपार धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पूजा विधि – शरद पूर्णिमा धन समृद्धि

  1. सफाई और सजावट: सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करें और उसे फूलों और दीयों से सजाएं।
  2. मां लक्ष्मी की स्थापना: मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें और उन्हें फूलों और मिष्ठान्न से सजाएं।
  3. आरती और प्रार्थना: पूजा के दौरान मां लक्ष्मी की आरती करें और धन और समृद्धि की कामना करें।

विशेष पकवान – शरद पूर्णिमा धन समृद्धि

इस दिन विशेष पकवान बनाना भी महत्वपूर्ण है। लोग आमतौर पर खीर, जो कि चावल और दूध से बनी होती है, का विशेष रूप से सेवन करते हैं। यह माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

निष्कर्ष -शरद पूर्णिमा धन समृद्धि

शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इस अवसर पर विधिपूर्वक पूजा कर अपने जीवन में खुशहाली लाएं।

आपका शुभ दिन हो!

 

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Sauraabh Shukla

ज्योतिष, अंक ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार

 

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