हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना का विशेष महत्व है। और (and) धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास में शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। सावन का महीना शिव जी का महीना है। इसलिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व हो जाता है। और (and) इस दिन लोग कांवड़ में जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। इए जानते हैं, कब रखा जाएगा मासिक शिवरात्रि व्रत?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 15 जुलाई रात्रि 08 बजकर 32 मिनट तक रहेगा और इस तिथि का समापन 16 जुलाई को रात्रि 10 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा। बता दें कि शिवरात्रि व्रत के अवसर पर भगवान शिव की उपासना निशिता काल में की जाती है। इसलिए यह व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा।
शास्त्रों में बताया गया है कि शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की उपासना चार प्रहर में की जाती है। सावन शिवरात्रि के दिन प्रथम प्रहर की पूजा शाम 07 बजकर 21 मिनट से रात्रि 09 बजकर 54 मिनट तक रहेगा । और (and) इसके बाद द्वितीय प्रहर की पूजा रात्रि 09 बजकर 54 मिनट से मध्यरात्रि 27 मिनट तक की जाएगी। तृतीय प्रहर की उपासना रात्रि 12 बजकर 27 मिनट से सुबह 03 बजे तक और 03 बजे से सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक चतुर्थ प्रहर की पूजा की जाएगी। बता दें कि सावन शिवरात्रि व्रत का पार्न 16 जुलाई को सुबह 05 बजकर 33 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट के बीच किया जाएगा।
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