व्रत एवं त्यौहार

Ganesh Chaturthi 2024, स्थापना, पूजन एवं विसर्जन

भाद्रपद मास में आने वाले त्योहारों में एक त्यौहार और(and) जुड़ने जा रहा है आने वाली 6 सितम्बर को।

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाते हैं। सभी देवों में प्रथम आराध्य देव श्रीगणेश जी की पूजा करने और(and) उन्हें प्रसन्न करने का त्योहार इस साल 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से शुरू हो रहा है। इस दिन भगवान गणेश जी का आगमन पूजा स्थल पर होगा और(and) 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर, अनंत चतुर्दशी के दिन उन्हें विदा और विसर्जन किया जाएगा।

और पढ़ें…

वैदिक रीतियों अनुसार, भगवान गणेश की कृपा से सुख-शांति, सौभाग्य और(and) समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि श्री गणेश चतुर्थी के दिन व्यक्ति को काले और(and) नीले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए तथा इस दिन लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। आगे हम विस्तार से जानेंगे की इन १० दिनों में किन ४ राशियों पर भगवान श्री गणेश की विशेष कृपा रहने वाली है। उससे पहले हम जानते है की पूजा का शुभ मुहूर्त कर है तथा इन दोनों में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए ।

गणेश चतुर्थी 2024 पूजन का शुभ मुहूर्त:

7 सिंतबर को गणेश चतुर्थी की पूजा (Ganesh Puja Muhurat 2024) सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट के बीच होगी

क्या नहीं करना चाहिए ?

ऐसा मन जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर भूलवश चंद्रमा के दर्शन कर भी लें, तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की ओर फेंक दें नहीं तो लांछन लगने की आशंका रहती है ।

भगवान गणेश जी को भोग क्या चढ़ाएं और क्या नहीं ?

गणेश जी को पूजन करते समय दूब घास, गन्ना और(and) बूंदी के लड्डू, पुष्प, फल, पान, सुपारी, लौंग, सुपारी, इलायची, जनेऊ, मौली, चन्दन, रोली, गोला आदि अर्पित करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और(and) अपना शुभाशीष प्रदान करते हैं। कहते हैं कि गणपति जी को तुलसी दल (तुलसी के पत्ते) नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा मन जाता है कि माता तुलसी ने भगवान श्री गणेश को लम्बोदर और(and) गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था। तभी से तुसली दल श्री गणेश जी को नहीं चढ़ाए जाते हैं ।

आइये जानते हैं किस राशि के लिए कैसे रहेंगे ये १० दिन ?

मेष राशि:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के जातकों को अपने घर में लाल रंग के गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। 10 दिन तक उन्हें लाल रंग के वस्त्र, अनार, लाल गुलाब और 11 दूर्वा अर्पित करें। इससे आपके घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।

वृषभ राशि:

इन दिनों में वृषभ राशि के जातकों पर भगवान श्री गणेश की विशेष कृपा रहेगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार ग्रहों की स्थिति आपके लिए अनुकूल दिखाई दे रही है। आपको भाग्य का साथ मिलेगा। नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। करियर में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति पहले से अच्छी होगी। निवेश से लाभ प्राप्त होने के आसार रहेंगे। इस राशि के लोगों को अपने घर में नीले रंग के भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। साथ ही 10 दिन तक उन्हें सफेद रंग के वस्त्र, मोदक, सफेद फूल और इत्र अर्पित करें। इससे आपको गणेशजी की विशेष कृपा प्राप्त होगी, जिससे आपके अधूरे सपने जल्द ही पूरे हो सकते हैं।

मिथुन राशि:

गणेश चतुर्थी उत्सव के १० मिथुन राशि के लिए बेहद शानदार रहेंगे। गणपति बप्पा की विशेष कृपा बनेगी। करियर में तरक्की होगी। बिजनेस में धन लाभ होने के आसार रहेंगे। धन-दौलत में बढ़ोतरी के आसार हैं। इस दौरान जिस भी काम में हाथ डालेंगे उसमें सफलता मिलने की ज्यादा सम्भावना है । मिथुन राशि के लोगों को अपने घर में गणपति जी की हरे रंग की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। इसी के साथ लगातार 10 दिन उन्हें हरे रंग के वस्त्र, मूंग के लड्डू, हरी इलायची, हरे फल और पान का भोग लगाएं।

कर्क राशि:

इस राशि के जातकों को अपने घर में गणेश जी की सफेद रंग की प्रतिमा को स्थापित करनी चाहिए। साथ ही उन्हें गुलाबी रंग के वस्त्र अर्पित करें। इसी के साथ उन्हें प्रसाद के रूप में मोदक और चावल से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

सिंह राशि:

सिंह राशि वालों गणेशोत्सव आपके लिए खुशियां लेकर आएगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियों का अंत होता दिखाई दे रहा है। गणेश भगवान की कृपा से आपके रुके हुए काम पूर्ण होंगे। धन-धान्य में बढ़ोतरी के प्रबल आसार रहेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके काम की प्रशंसा हो सकती है। लाभ कमाने के कई नए अवसर प्राप्त होंगे। गणेश जी की विशेष कृपा पाने के लिए सिंह राशि के लोगों को अपने घर में लाल रंग के गणपति बप्पा की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। साथ ही उन्हें लाल रंग के कपड़े अर्पित करें। कपड़ों के साथ-साथ उन्हें गुड़ से बनी मिठाई, खजूर और कनेर के फूल अर्पित करें।

कन्या राशि:

ये समय कन्या राशि के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। आपके बिगड़े हुए काम बनेंगे। अचानक से धन की प्राप्ति हो सकती है। प्रोफेशनल और(and) पर्सनल दोनों ही लाइफ में आपको बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार देखने को मिलेगा। जीवनसाथी का इस भरपूर साथ मिलेगा। भाग्य आपके साथ है। कन्या राशि के जातकों के लिए हरा रंग शुभ होता है। इसलिए आप अपने घर में हरे रंग से बने गणपति बप्पा की मूर्ति को लेकर आएं। साथ ही उन्हें हरे रंग के वस्त्र अर्पित करें। भगवान को मूंग दाल के लड्डू, हरे फल, दूर्वा और पान का भोग लगाएं। इससे आपकी हर इच्छा पूरी होगी और घर-परिवार में सुख-खुशहाली बनी रहेगी।

तुला राशि:

तुला राशि के लोगों को अपने घर में नीले रंग के गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। इसी के साथ उन्हें सफेद वस्त्र, लड्डू, सफेद फूल, इत्र और केले का भोग लगाएं।

वृश्चिक राशि:

वृश्चिक राशि के जातकों को अपने घर में लाल रंग के गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। साथ ही उन्हें सिंदूरी रंग के वस्त्र, गुड़ के लड्डू, अनार, लाल पुष्प और खजूर अर्पित करें।

धनु राशि:

धनु राशि के लोगों को अपने घर में पीले रंग के गणेशजी की प्रतिमा को विराजमान करना चाहिए। इसी के साथ उन्हें पीले रंग के वस्त्र, पीले फूल, मोदक, केले और पीले फल अर्पित करें।

मकर राशि:

यदि आपको गणेश जी को प्रसन्न करना है, तो इसके लिए अपने घर में नीले रंग के गणपति बप्पा की प्रतिमा को लेकर आएं। उन्हें नीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। इसी के साथ उन्हें तिल के लड्डू, किशमिश, सिंदूर और सफेद पुष्प चढ़ाएं।

कुंभ राशि:

जो लोग पैसों की कमी से परेशान हैं, उन्हें अपने घर में नीले रंग की गणपति बप्पा की प्रतिमा को लाना चाहिए। दस दिन तक रोज उनकी पूजा करें। इसी के साथ भगवान को नीले रंग के वस्त्र, खोया, हरे फल, सफेद पुष्प और किशमिश अर्पित करें।

मीन राशि:

मीन राशि के लोगों को अपने घर पर गहरे पीले रंग के गणपति बप्पा की मूर्ति को लाना चाहिए। साथ ही उन्हें पीले रंग के कपड़े अर्पित करें। 10 दिन तक उन्हें पीले फूल, फल, बेसन के लड्डू और बादाम का भोग लगाएं। इससे आपके जीवन में सदा खुशहाली बनी रहेगी।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि :

गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल स्नान-ध्यान करके गणपति के व्रत का संकल्प करें तथा उसके बाद पूजन करने के लिए दोपहर के समय (Ganpati) गणपति की मूर्ति या फिर उनका चित्र लाल कपड़े के ऊपर रखें। फिर गंगाजल छिड़कने के बाद भगवान गणेश का आह्वान करें। भगवान (Ganesh Ji)गणेश को पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और(and) दूर्वा (घास) चढ़ाए। इसके बाद गणपति को मोदक लड्डू चढ़ाएं, मंत्रोच्चार से उनका पूजन करें। गणेश जी की कथा पढ़ें या सुनें, गणेश चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें।

कब होगा गणेश चतुर्थी का समापन?

पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का समापन 17 सितंबर, 2024 दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। वहीं, इसी दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाएगा। ऐसा मान्यता है कि जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं

 

आरती :

सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची

(jai dev)जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव

रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव

लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव

शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को

जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव

अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी

(jai jai jai jai )जय जय जय जय जय
(jai)जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव

भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे

जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव

 

जग सुखी तो हम सुखी
प्रेम से बोलो
राधे राधे

हमे फॉलो करें

 

Contact Us :

Sauraabh Shukla

Astrology Numerology and Vastu Consultant

Share
Published by
JanamKundali
Tags: Astrology TodayAstrology Today In Hindiganesh chaturthiGanesh Chaturthi 2024Ganesh Chaturthi 2024 DateGanesh Chaturthi 2024 Puja Samagriganesh chaturthi 2024 sthapana muhuratganesh chaturthi decorationganesh chaturthi historyganesh chaturthi imagesGanesh Chaturthi kab haiGanesh Chaturthi Kathaganesh chaturthi photosganesh chaturthi poojaGanesh Chaturthi Puja Samagriganesh chaturthi Puja Vidhiganesh chaturthi ritualganesh chaturthi videoganesh chaturthi wishesganesh janmotsavganesh jiGanesh Puja 2024Ganesh Puja Muhurat 2024Ganesh Sthapana Subh Muhurat 2024ganesh utsavGanesh Utsav 2024ganesh utsav kab manaya jayegaGanesh Visarjan DateGanesh Visharjan Muhurat Timeganeshotsavganpatiganpati festivalhappy ganesh chaturthiHindi NewsModakNews in HindiShubh Yogvinayaka chaturthiकथागणेशगणेश उत्सवगणेश उत्सव 2024गणेश चतुर्थीगणेश चतुर्थी 2024गणेश चतुर्थी 2024 तारीखगणेश चतुर्थी कथागणेश चतुर्थी की पूजा विधिगणेश चतुर्थी डेट एंड टाइमगणेश चतुर्थी तिथिगणेश चुतर्थी 2024 शुभ योगगणेश पूजागणेश विसर्जन डेटगणेश स्थापना डेटपूजाबप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्तभगवानभोगमोदक

Recent Posts