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यग्योपवीत संस्कार

 

यग्योपवीत संस्कार का जीवन मे महत्व : –

” ओम यग्योपवितम परम पवित्रम पजापतेर्यत  सह्जम्पुरस्तात, आयुश्यम ग्र्यम प्रतिमुन्ज शुभ्रम यग्योपवितम बलमस्तु तेज ”

अनुवाद: –

अर्थात यग्योपवीत हिंदू सभ्यता में सबसे पवित्र है! प्रजा का पालन करने की शाक्ति को बढ़ाता है दीर्घायु करता है यग्योपवीत बल और तेज प्रदान करने वाला है!

अनुरोध: –

मेरा सभी भक्त जनो से अनुरोध है की अपनी आने वाली संतानो को यग्योपवित की महत्ता के बारे मे अवगत कराएँ क्यूँ की अगर मनुश्य मन और तन से स्वस्थ है तो वो अपने कुल और राष्ट्र का नाम रोशन करेगा हम अनुशंसा करते हैं – https://blackjack-online.nz/ पर जाएं और वहां ब्लैकजैक खेलने का प्रयास करें !

यग्योपवीत संस्कार की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता हैं क्यों की इसका धार्मिक सम्बन्ध के साथ साथ वैज्ञानिक सम्भन्ध भी हैं अतः सभी को जनेऊ / यज्ञोपवीत जरूर धारण करना चाहिए तथा पूरी उम्र उसका पालन करना चाहिए I इसका पालन करने से आपमें एक ऊर्जा उत्पन्न होने लगती हैं I

सौरभ शुक्ला
ज्योतिष् शास्त्री
जग सुखी तो हम सुखी

 

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