पाठको आज एक बहुत ही विचित्र बात सामने आई जिस(which) से एक बहुत ही सुशील और(and) सारे दोषों से दूर रहने वाले नव युवक की उम्र ३१ साल पार कर चुकी है और(and) वो भी ज्योतिषों के अल्प ज्ञान के कारण| जिस भी लड़की वालो ने उनकी कुंडली मिलान अपनी लड़की से कराई तो(then) पहली नजर मे लड़के के मांगलिक होने की बात सामने आई जो(which) की मिथ्या थी | जब हमने उनकी जनम कुंडली दर्शन किया तो(then) पता चला की जिसने(who) भी कुंडली देखी है वो भ्रमित हुए हैं क्यों की(because) असल में वर मांगलिक दोष रहित है मेरे एक सहकर्मी भी(also) इसी(Mangal Dosha) दोष से पीड़ित हैं और(and) बिना कारण ही शादी नहीं कर पा रहे हैं क्यों की(because) हमेशा मंगल बुरा नहीं करते हैं यजमान को चाहिए की(that) कुंडली मिलान सही से कराये नहीं तो(otherwise) एक अच्छा रिश्ता खो सकते हैं | अगर(if) आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो(then) सम्पकॅ करे और(and) अपनी परेशानियों का समाधान पाये | मंगल दोष कैलकुलेटर (Mangal Dosha Calculator) या(or) मंगलिसक दोष कैलकुलेटर (Manglik Dosha Calculator) का प्रयोग करके आप इसको सही प्रकार से समझ सकते हैं | कुछ लोगों का मानना है की(that) मंगल दोष २८ साल के बाद (Manglik Dosha after 28 years) स्वतः समाप्त हो जाता है परन्तु(but) हमारा मानना है (that) की इसके साथ साथ अन्य(others) बिंदुओं पर भी(also) विचार करना आवश्यक होता है क्यूंकि(because) विवाह जीवन में एक बार होता है तथा(and) इस से दो परिवारों के जीवन भर के लिए सम्बन्ध जुड़ता है | कई लोग इसको कुजा दोष (Kuja Dosha Meaning) भी(also) कहते हैं (and) जिसका(which) अर्थ भी(also) मंगल दोष ही होता है | प्रिय पाठको यदि(if) आपको (still)अभी भी कुंडली में मंगल दोष(Manglik Dosh in Kundali) जानने में परेशानी हो रही है तो(then) हमसे सम्पर्क जरूर करें |
मांगलिक दोष कैलकुलेटर (manglik dosha calculator) – कुण्डली में जब(when) प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या(or) द्वादश भाव में मंगल होता है तब(then) मांगलिक दोष लगता है। and इस दोष को शादी के लिए अशुभ माना जाता है।and ऐसा कहा जाता है कि ये दोष जिनकी कुण्डली में होता है, उन्हें मंगली जीवनसाथी ही तलाश करनी चाहिए। and कुंडली में सातवां भाव जीवन साथी और(and) गृहस्थ सुख का है।
एक विशेष गुण यह होता है कि(that) मांगलिक कुंडली वाला व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को पूर्णनिष्ठा से निभाता है। कठिन से कठिन कार्य वह समय से पूर्व ही कर लेते हैं, नेतृत्व की क्षमता, उनमें जन्मजात होती है, ये लोग जल्दी किसी से घुलते-मिलते नहीं परन्तु जब(when) मिलते हैं तो पूर्णतः संबंध को निभाते हैं, अति महत्वकांक्षी होने से इनके स्वभाव में क्रोध पाया जाता है परन्तु(but) यह बहुत दयालु, क्षमा करने वाले तथा मानवतावादी होते हैं, and गलत के आगे झुकना इनको पसंद नहीं होता और(and) खुद भी गलती नहीं करते।
ये लोग उच्च पद, व्यवसायी, अभिभावक, तांत्रिक, राजनीतिज्ञ, डॉक्टर, इंजीनियर सभी क्षेत्रों में विशेष योग्यता प्राप्त करते हैं।
आज कल सभी थोड़ा बहुत ज्योतिष के बारे मे जानते हैं परन्तु(but) जिसने इसको परखा है वो ही इसकी महत्ताए बता सकता है मैंने भी(also) किसी कारणवश अपनी स्नातक करने के बाद लोगो की समस्यों को समझा और(and) उनको वैदिक विधि से हल करने का निश्चय किया तथा(and) इसमें पोस्ट ग्रेजुएशन किया और(and) आज जब(when) अपनी वजह से लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखते हैं तो(then) बड़ी शांति मिलती हैं | अगर(if) आप किसी भी तरह की मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं तो(so) एक बार अवश्य याद करे |
मांगलिक दोष के परिहार:
के बारे में और विस्तार से जानना है तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें | किन(which) किन(which) परिस्तिथियों में मंगल दोष नहीं मन जाता क्यों की(because) मंगल दोष ज्ञात होने के बाद उसके निवारण तथा(or) किन परिस्थितियों में वो नहीं माना जाता इसका(such) भी ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है |
- मंगली दोष स्वतः समाप्त हो जाता है, जब(when) मंगली योगकारक ग्रह अपनी स्वराशि, मूल त्रिकोण राशि या(or) उच्च राशि में हों |
- सप्तम या(or) शुक्र बलवान हो तथा(or) सप्तम भाव इनसे युत दृष्ट हो तो(then) उस कुंडली में मंगल दोष स्वतः समाप्त हो जाता है |
- वर या(or) कन्या में से किसी एक की कुंडली में मंगली दोष हो और(and) दूसरे की कुंडली में शनि यदि लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या(or) द्वादश भाव में हो तो(then) दोष स्वतः समाप्त हो जाता है |
- बलवान शुक्र या(or) गुरु के लग्न में होने पर या(or) सप्तम में होने पर एवं(and) मंगल के निर्बल होने पर मंगली दोष समाप्त हो जाता है
- मेष लग्नस्थ मंगल, वृश्चिक राशि में चतुर्थ भावस्थ मंगल, वृष राशि में सप्तम भावस्थ मंगल, कुम्भ राशि में अष्टम भावस्थ मंगल तथा(and) धनु राशि में व्यय भावस्थ मंगल दोष उत्पन्न नहीं करते |
- मंगल शुक्र राशि में हो तथा(otherwise) सप्तमेश बलवान होकर केंद्र अथवा(or) त्रिकोण में हो तो(then) मंगली दोष प्रभावहीन हो जाता है |
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Pandit ji Pranam mai ek baar aapse milna chahta hu...
aap se baat karke kuchh shankaon ka niwaran hua hai........
आपका ससम्मान स्वागत है आप कभी भी बात कर सकते हैं
aapka bahut bahut swagat hai.
Thanks
आपका हमेशा स्वागत है