जन्मकुंडली अध्ययन

उंगली और रत्न : कौन-सा रत्न किसके लिए

 

उंगली और रत्न

ज्योतिष शास्त्र में रत्न पहनने के पूर्व और बाद के कई निर्देश बताए गए हैं आइये जानते हैं उंगली और रत्न के बारे में । रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज्यादा पहने जाते हैं जो की नव ग्रहों के स्वाभाव के आधार पर निर्धारित किये गए हैं। मनुष्य के जीवन में आ रहे उतार-चढ़ाव का कारण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उसकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति को माना जाता है।

यदि किसी ग्रह की स्थिति उच्च या अच्छी होती है तो व्यक्ति के जीवन में सफलता आती है और शुभ काम होते हैं। वहीं यदि ग्रहों की स्थिति नीच की या अशुभ हो तो अनेक तरह की अड़चन आती हैं। आइये विस्तार से जानते है की कौन सा रत्न किस ऊँगली में , किस दिन और किस समय पहनना चाहिए। सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद, केतु के लिए लहसुनियां पहना जाता है।

सूर्य का रत्न

रत्न शास्त्र के अनुसार माणिक को सूर्य का रत्न माना जाता है। रविवार के दिन सूर्योदय होने के साथ-साथ अर्थात प्रथम होरा में पहना जाता है जिसे रिंग फिंगर अर्थात अनामिका ऊँगली में पहनना शुभ होता है। माणिक्‍य रत्न सोने की धातु में धारण किया जाता है।

चंद्रमा का रत्‍न

रत्न शास्त्र के अनुसार मोती को चंद्र का रत्न माना जाता है। चंद्रमा करत्‍न मोती होता है और इसे सोमवार के दिन चंद्रोदय के समय पहनना चाहिए। मोती चांदी में हमेशा छोटी उंगली में पहनना चाहिए।

मंगल का रत्न

रत्न शास्त्र के अनुसार मूंगा मंगल का रत्न माना जाता है। मूंगा मंगलवार के दिन रिंग फिंगर अर्थात अनामिका ऊँगली में धारण करना चाहिए। इसे तांबे या चांदी की धातु में शाम के समय रिंग फिंगर में धारण करना शुभ होता है।

बुध का रत्‍न

बुध का रत्‍न पन्ना होता है। रत्न शास्त्र के अनुसार हरे रंग का पन्ना बुधवार के दिन दोपहर 12:00 से 2:00 के बीच कभी भी पहन जा सकता है। पन्ना को सबसे छोटी उंगली अर्थात कानिष्‍ठ उंगली में पहनना चाहिए।

बृहस्पति का रत्न

रत्न शास्त्र के अनुसार पुखराज को बृहस्पति का रत्न माना जाता है। इसे सोने की धातु में अंगूठे के पास वाली ऊँगली अर्थात तर्जनी उंगली में गुरुवार के दिन सुबह 10:00 से 12:00 के बीच धारण करना शुभ होता है।

शुक्र का रत्न

रत्न शास्त्र के अनुसार हीरा शुक्र का रत्न माना जाता है और इसे सोने में पहना चाहिए। इसे शुक्रवार के दिन सुबह 10:00 से 12:00 के बीच मध्यमा ऊँगली में धारण करना लाभदायक होता है।

शनि का रत्‍न

नीलम को शनि का रत्न माना जाता है और इसे मध्यम उंगली में शनिवार को धारण करना चाहिए। इसके अलावा शन‍ि के लिए लोहा भी धारण कर सकते हैं। इसे रिंग फिंगर के बगल वाली यानी मध्यमा ऊँगली में धारण करना लाभदायक होता है।

राहु-केतु का रत्न

राहु-केतु के लिए शनिवार के दिन बीच वाली ऊँगली अर्थात मध्यमा उंगली में गोमेद धारण करना चाहिए. इसके अलावा सुलेमानी हकीक और अगेट के नाम से भी प्रचलित है। हकीक कई ग्रहों का उपरत्न है। यह राहु-केतु और शनि के दोषों को कम करने में मददगार साबित होता है।

 

मांगलिक दोष (Manglik Dosha) एवं उपाय

अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

जग सुखी तो हम सुखी

प्रेम से बोलो राधे राधे

 

 

 

 

 

Share
Published by
JanamKundali

Recent Posts

सावन शिवरात्रि 2023

सावन शिवरात्रि 2023 Sawan Shivratri 2023:… Read More

10 months ago

Vat Savitri Vrat 2023 | Shani Jayanti

Vat Savitri (Jyeshtha Amavasya) Vrat 2023:… Read More

1 year ago

अचानक धन प्राप्ति योग | Dhan Yog

अचानक धन प्राप्ति योग यदि अचानक… Read More

1 year ago

Shivaratri 2023 | मुहूर्त, पूजा विधि

Shivratri 2023 - इस बार महाशिवरात्रि… Read More

1 year ago